ज़िंदगी के रंग .......
बिखर जाएंगे हर तरफ, अब ज़िंदगी के रंग |
झूमती ये ज़मी होगी, गुनगुनाएगी पवन ||
वक्त की आंधी में, उड़ गए थे कभी जो रंग |
मुस्कराते गुलाल की, खो गयी थी जो उमंग ||
गुमशुदा एहसासों की वही पहचान लेकर ,
आज लौट आया है बसंत ||
बिखर जाएंगे हर तरफ, अब ज़िंदगी के रंग ||
झूमती ये ज़मी होगी, गुनगुनाएगी पवन ||
दिलों के बीच की सारी, सिमट जाएँगी ये दूरियां |
मतवालों से बचकर कहाँ जाएँगी अब खुशियाँ ||
थके निढाल सपनों को,
गुमशुदा एहसासों की वही पहचान लेकर ,
आज लौट आया है बसंत ||
बिखर जाएंगे हर तरफ, अब ज़िंदगी के रंग ||
झूमती ये ज़मी होगी, गुनगुनाएगी पवन ||
दिलों के बीच की सारी, सिमट जाएँगी ये दूरियां |
मतवालों से बचकर कहाँ जाएँगी अब खुशियाँ ||
थके निढाल सपनों को,
मिल जाएगा अब गगन ||
बिखर जाएंगे हर तरफ, अब ज़िंदगी के रंग ||
झूमती ये ज़मी होगी, गुनगुनाएगी पवन ||
झूमती ये ज़मी होगी, गुनगुनाएगी पवन ||